Understanding Of Society, Education And Curriculum (समाज , शिक्षा और पाठचर्या की समझ)

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ISBN- 9789389863932

 

Author's Name -Dr. H.L Sharma, Dr. Surendra

समाज, शिक्षा और पाठ्यचर्या की समझ

इकाई-1 बच्चे, बचपन और समाज
ऽ बच्चे तथा बचपन- सामाजिक, सांस्कृतिक तथा ऐतिहासिक समझ
ऽ समाजीकरण की समझ- अवधारणा, कारक तथा विविध संदर्भ
ऽ बच्चों का समाजीकरण- माता-पिता, परिवार, पड़ोस, जेण्डर एवं समुदाय की भूमिका
ऽ बाल अधिकारों का संदर्भ- उपेक्षित वर्गों से आनेवाले बच्चों पर विशेष चर्चा के साथ

इकाई-2 विद्यालय और समाजीकरण
ऽ शिक्षा, विद्यालय और समाज- अन्तर्सम्बन्धों की समझ
ऽ विद्यालय में समाजीकरण की प्रक्रिया- विभिन्न कारकों की भूमिका व भूमिका व प्रभावों की समझ
ऽ शिक्षा, शिक्षण तथा विद्यालयः सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक व राजनीतिक आधार

इकाई-3 शिक्षा और ज्ञान - विविध परिप्रेक्ष्यों की समझ
ऽ शिक्षा- सामान्य अवधारणा, उद्देश्य एवं विद्यालयी शिक्षा की प्रकृति
ऽ शिक्षा को समझने के विभिन्न आधार/दृष्टिकोण- दर्शनशास्त्रीय, मनोवैज्ञानिक, समाजशास्त्रीय, शिक्षा का साहित्य, शिक्षा का इतिहास, आदि।
ऽ ज्ञान की अवधारणा- दार्शनिक परिप्रेक्ष्य
ऽ ज्ञान के विविध स्वरूप एवं अर्जन के तरीके

इकाई-4 प्रमुख चिंतकों के मौलिक लेखन की शिक्षाशास्त्रीय समझ
ऽ महात्मा गाँधी-हिन्द स्वराज- सामाजिक दर्शन और शिक्षा के सम्बन्ध को रेखांकित करते हुए।
ऽ गिजुभाई बधेका-दिवास्वप्न- शिक्षा में प्रयोग के विचार को रेखांकित करते हुए।
ऽ रवीन्द्रनाथ टैगोर-शिक्षा- सीखने में स्वतंत्रता एवं स्वायत्तता की भूमिका को रेखांकित करते हुए।
ऽ मारिया मांटेसरी-‘ग्रहणशील मन‘ पुस्तक से ’विकास के क्रम’ शीर्षक अधयाय- बच्चों के सीखने के सम्बन्ध में विशेष पद्धति को रेखांकित करते हुए।
ऽ ज्योतिबा फुले-हंटर आयोग (1882) को दिया गया बयान- शैक्षिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक असमानता को रेखांकित करते हुए।
ऽ डाॅ. जाकिर हुसैन- शैक्षिक लेख- बालकेन्द्रित शिक्षा के महत्त्व को रेखांकित करते हुए।
ऽ जे. कृष्णमूर्ति- ‘शिक्षा क्या है‘ - सीखने-सिखाने में संवाद की भूमिका को रेखांकित करते हुए।
ऽ जाॅन डीवी-शिक्षा और लोकतंत्र से ‘जीवन की आवश्यकता के रूप में शिक्षा‘ शीर्षक लेख- शिक्षा और समाज की अंतःक्रिया को रेखांकित करते हुए।

इकाई-5 पाठ्यचर्या की समझः बच्चों तथा समाज के संदर्भ में
ऽ पाठ्यचर्या तथा पाठ्यक्रम- अवधारणा तथा विविध आधार
ऽ बच्चों की पाठ्यपुस्तकें- शिक्षा, ज्ञान एवं समाजीकरण के माध्यम के तौर पर
ऽ स्थानीय पाठ्यचर्या की समझ।

 

BR/D.El.Ed(hindi)/2020/01/01
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