Understanding of Society, Education and Curriculum ( समाज, शिक्षा और पाठ्यचर्या की समझ)

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DR. Sandeep Soni

DR. Manisha Sen

ISBN- 978-93-90031-60-3

₹225.00

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पाठ्यक्रम (Syllabus)

समाज शिक्षा और पाठ्यचर्या बोध

(Understanding of Society, Education and Curriculum)

इकाई 1-शिक्षा की दार्शनिक समझ (Philosophical Understanding of Education) 

मानव समाज में शिक्षा की प्रकृति और उसकी आवश्यकता एवं महत्व, विद्यालयीन शिक्षा एवं शिक्षा के बीच संबंध और मानव समाज में विविध शैक्षिक प्रक्रियाओं की जांच पड़ताल  विभिन्न पश्चिमी एवं भारतीय विचारकों के द्वारा विद्यालयीन शिक्षा एवं शिक्षा पर विचार-रूसो, ड्यूवी, माॅन्टेसरी, गांधी, टैगोर, गिजूभाई, अरविन्दो, मानव प्रकृति, समाज, अधिगम और शिक्षा के उद्देश्य के बारे में मूलभूत धारणाओं की समझ।

 

इकाई 2-शिक्षा के उद्देश्य (Aims of  Education)

शिक्षा के उद्देश्य एवं लक्ष्य (उद्देश्य एवं मूल्य) सामाजिक बदलाव एवं सामाजिक रूपांतरण के लिए शिक्षा निम्नांकित बुनियादी अवधारणाओं को बच्चों की शिक्षा के संबंध में समझना  

a) सामाजिक विषमता और समानता, संसाधनों के बंटवारे, अवसरों एवं बुनियादी जरूरतों की उपलब्धता में असमानता और समानता,  

b) समता, 

c) गुणवत्ता,  

d) अधिकार एवं कर्तव्य, शाला प्रबंध समिति का गठन, प्रक्रिया एवं भूमिका 

e)     मानव एवं बाल अधिकार,  

f) सामाजिक न्याय-भारतीय संविधान की प्रस्तावना एवं उसकी मूलभूत अवधारणाएं, मौलिक अधिकारों को सुनिश्चित करने में शिक्षा की भूमिका 

 

इकाई 3- शिक्षा, राजनीति एवं समाज (Education,Politics and Society)

  • ब्रिटिशकाल के दौरान भारत में शिक्षा ।
  • भारतीय समकालीन शिक्षा- औपनिवेशिक विरासत की निरन्तरता में एवं उससे हटकर।
  •  वर्ग, जाति, लिंग एवं धर्मों के संदर्भ में वर्चस्व के पुनरुत्पादन में और हाशियाकरण को चुनौती देने में शिक्षा की भूमिका।
  • शिक्षा की राजनीतिक प्रकृति।
  •  शिक्षक एवं समाज- शिक्षकों के स्तर का समालोचनात्मक आकलन। 

 

इकाई 4-ज्ञान (Knowledge)   

  • बच्चे में ज्ञान का निर्माण- गतिविधि एवं अनुभव से ज्ञान अर्जन करना। 
  • ज्ञान का स्वरूप एवं बच्चे ज्ञान का निमाणर््ा कैसे करते हैं (ज्ञान और सीखना)।
  • मान्यता, जानकारी, ज्ञान एवं समझ की अवधारणा।
  • ज्ञान के प्रारूप- विविध प्रकार के ज्ञान एवं उनकी वैधता प्रक्रियायें। 
  • पाठ्यचर्या के चयन एवं निर्माण की प्रक्रियायें एवं मापदण्ड।
  • देश/राज्य के विभिन्न पाठ्यचर्या की रूपरेखा जैसे (छब्थ् 2005)।
  • पाठ्यचर्या निर्माण और उसके विकास के उपागम।
  • बच्चों का विकास एवं पाठ संबंधी अनुभवों का संयोजन। 
  • पाठ्यचर्या, शिक्षणविधि एवं बच्चों का आकलन।

MP/2020/D.El.Ed./02/02
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