Public Finance (लोक वित्त)

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ISBN NO- 978-93-89294-37-8

सौरभ सिंह, शेख मोहम्मद अफसर 

लोक वित्त


इकाई-1
परिचय-लोक वित्त/राजस्व का अर्थ एवं क्षेत्र। सार्वजनिक वस्तुएँ बनाम निजी वस्तुएँ अधिकतम सामाजिक लाभ का सिद्धान्त। सार्वजनिक बजट एवं बजटिंग की तकनीकी ;र्ठठए च्ठठद्ध

इकाई-2
सार्वजनिक व्यय- अर्थ एवं प्रकृति, वैगनर का राज्य की क्रियाओं में वृद्धि पर मत वाइसमैन पीकॉक परिकल्पना, सार्वजनिक व्यय का सिद्धान्त और वर्गीकरण, उत्पादन, वितरण और आर्थिक स्थिरता पर प्रभाव।

इकाई-3
सार्वजनिक आय- आगम के मुख्य स्रोत, कर आय, प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष कर प्रगतिषील, आनुपातिक तथा प्रतिगामी/अवरोही कर, मूल्य वर्धित कर मूल्य-सम्मिलित कर तथा जी. एस. टी कर भार का वितरण-कराघात (कर का दबाव), करापात (कर का भार), उत्पादन एवं वितरण पर प्रभाव। सार्वजनिक/लोकऋण-सार्वजनिक ऋण की भूमिका व वर्गीकरण तथा इसके षोधन की विधियाँ, हीनार्थ प्रबन्धन या घाटे की वित्त व्यवस्था।

इकाई-4
भारतीय सार्वजनिक वित्त - बजटीय घाटे के विभिन्न प्रकार, संविधान के अन्तर्गत वित्तीय संघवाद, वित्त आयोग-आषय तथा चालू वित्त आयोग, भारत में बजटीय प्रक्रिया तथा वित्तीय नियन्त्रण, राजकोषीय समकोण (एकत्रीकरण) तथा एफ. आर. बी. एम. अधिनियम।

LU2019/B.Com(hindi)/03/4
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